परिवहन विभाग के द्वारा हमें कैसे सताया जाता है ? और इसका क्या समाधान हो सकता है





दिमाग का दही होना किसे कहते आइए जानते है 😅


मैंने गाड़ी खरीदी, 
RTO आफिस में रजिस्ट्रेशन कराया, 
यह सरकार के रिकॉर्ड में है। 

मैंने ड्राइविंग लाइसेंस लिया,
 यह भी सरकार के रिकॉर्ड में दर्ज है।

मैंने कब कब POLLUTION UNDER CONTROL CERTIFICATE लिया, 
यह भी सरकार के रिकॉर्ड में दर्ज है।

मैंने अपनी गाड़ी का इन्श्योरेन्स रिन्यू कब कब कराया,
 यह भी सरकार के रिकॉर्ड में दर्ज है
क्योंकि इन्श्योरेन्स का एक हिस्सा सरकार के खाते में जमा होता है।

मेरे द्वारा दिए गए टैक्स के पैसे से 
सरकार के हर कार्यालय में 
ढेरों कम्प्यूटरों का अम्बार लगा हुआ है, 
खूब ढोल भी पीटा जा रहा है कि 
पूरा इंडिया डिजिटल हो गया है.!

तो सरकार जब सारी जानकारी 
आपके रिकॉर्ड में दर्ज है तो फिर 
आप मेरी गाड़ी का नम्बर कम्प्यूटर या 
मोबाइल के एप्लिकेशन में ENTER करके 
अपने आफिस में बैठे बैठे ही पता कर सकते हैं 
कि मेरा लाइसेंस EXPIRE तो नहीं हो गया है, 
इन्श्योरेन्स ड्यू तो नहीं हो गया है, 
POLLUTION LEVEL कब चेक कराया आदि आदि.
 अब अगर मैंने ड्राइविंग लाइसेंस रिन्यू नहीं कराया है,इन्श्योरेंस ड्यू हो गया है ,पौल्यूसन लेबिल ड्यू हो गया है तो ड्यू डेट के बाद सीधे घर पर चलान भेज दो गाड़ी जप्त कर लो

सड़क पर केवल इतना देखा जाना चाहिए कि मैं यातायात के नियमों का पालन कर रहा हूँ या नहीं, है

कागजी कार्रवाई के लिए हर चौक चौराहे पर नागरिकों को परेशान करने की कोई जरूरत नही....

Stop Harassing now.
आपकी के क्या विचार है इस पर ? अपने  विचार हमें comment मैं लिख सकते है और इस artical को अपने whatsapp Group में अपने जानने वालों के साथ साझा कर सकते हैं

धन्यवाद 🙏🏻😃🙏🏻

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